बहती नाक को हल्के में न लें, यह एलर्जी की निशानी है

Sneezing

एलर्जी किसी भी वजह से हो सकती है और बहती नाक इसका प्रारम्भिक लक्षण होता है, अतः इसको हल्के में बिल्कुल नही लेना चाहिये। यह एक सामान्य एलर्जी से लेकर गम्भीर परिणाम वाली भी हो सकती है इसलिये इसको नजरअंदाज बिल्कुल न करें। बहती नाक के अतिरिक्त आँखों से पानी आना, व लगातार छींके आना ये सभी एलर्जी के ही संकेत होते हैं। यह कुछ लक्षण होते हैं जिनके माध्यम से आपका शरीर आपको एलर्जी के बारे में सचेत करता है इसलिये ऐसे लक्षण महसूस होने पर आपको अपने शरीर के प्रति सचेत होकर कुछ सावधानियां उठानी चाहिये। यह लक्षण इस प्रकार के होते हैं-

1. नाक बहना
2. बार-बार नाक में खुजली होना
3. आँखों में पानी आना
4. लगातार छींकें आना इत्यादि

ऐसे लक्षणों की क्या वजह होती है-

बदलता मौसम – सर्दी, गर्मी या वर्षा का मौसम जब भी कभी मौसम बदलता है तब कुछ लोगों में मौसमी एलर्जी हो जाती है, यह एक सामान्य सी एलर्जी होती है जिसके लिये प्रारम्भिक दवायें ली जा सकती हैं। इसमें किसी डाक्टरी परामर्श की भी आवश्यकता नही होती है।

प्रदूषण – अध्ययन के आधार पर देखा गया है कि कुछ लोग प्रदूषण व धूल-गर्द इत्यादि के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं और वे इनके सम्पर्क में आने से एलर्जी के शिकार हो जाते हैं, परिणामस्वरूप उनमें उपरोक्त लक्षण देखे जा सकते हैं। इस तरह की एलर्जी में भी प्रारम्भिक दवाओं के इस्तेमाल से आराम लिया जा सकता है, परन्तु ऐसे व्यक्तियों को प्रदूषित वातावरण से थौड़ी दूरी अवश्यक ही बनाये रखनी चाहिये।

पालतू जानवर – बहुत से परिवारों में पालतू जानवर के रूप में गाय, भैंस, कुत्ता, बिल्ली पालना एक शौक बन गया है। पशुओं के घर में होने से उनके मुख से उत्सर्जित होने वाले लार्वा से काफी लोग एलर्जी के शिकार बने रहते हैं। ऐसे व्यक्तियों को अपने पशुओं को साफ-सुथरा रखना चाहिये और उनके नजदीक नही जाना चाहिये। इनसे एलर्जी होने पर प्रारम्भिक दवायें ले सकते हैं परन्तु लगातार इनके सम्पर्क में बने रहने से इसके गम्भीर परिणाम भी हा सकते हैं। अतः ऐसे लोगों को पशुओं के सम्पर्क में नही आना चाहिये।

एलर्जी होने पर क्या करें-

एलर्जी के होने पर उपरोक्त अनुसार अपने शरीर का अनुकूल माहौल की जानकारी रखें और उसी तरह के माहौल में रहें जो आपके शरीर के लिये हितकर हो। प्रारम्भिक स्तर पर गर्म पानी पियें और गर्म पानी से गरारे करें, अगर ऐसा करने पर आपको आराम नही मिलता है तो आप प्रारम्भिक दवायें ले सकते हैं। आराम मिलने के 2 दिन तक दवा लेना ज्यादा फायदेमंद होता है। अंग्रेजी दवाओं के स्थान पर होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल मनुष्य शरीर के लिये ज्यादा फायदेमंद रहता है इसलिये अंग्रेजी दवाओं के स्थान पर होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करें। यह धीरे-धीरे परन्तु चरणबद्ध आपको लाभ पहुँचाती है।

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